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कुछ यूं गुजरा बेबसी का दौर
बच्चों के एक साल का होने तक का अनुभव जब लिख रहा था तो एक ख्याल बार-बार मन में आ रहा था कि ये साल सबसे मुश्किल गया है, अब अगला साल इससे और आसान होगा, फिर उससे अगला साल और आसान। फिर धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आने लग जाएगी। ... -
3 दिनों की तकलीफ पर भारी पड़ी एक मुस्कान
सुबह के 11बजे थे। उस दिन ऑफिस में ही थी, घर से पापा का फोन आया कि ईरा की तबियत खराब है, घर आ जाओ। मम्मी पापा छोटी-छोटी बात के लिए ऐसे कभी घर नहीं बुलाते। आज उनका ऐसा कहना अजीब लग रहा था। खैर, बॉस से इजाजत लेकर घर ... -
23 वर्षीय युवती का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट
हृदय रोग के आखिरी चरण में पहुंच चुकी 23 साल की ओशिन गोयल ने सफल हार्ट ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक नई जिंदगी हासिल कर की है। दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्डियोवैस्क्यूलर सर्जरी विभाग के निदेशक एवं कोर्डिनेटर डाॅ. जे. एस.मेहरवाल ने इसप्रत्यारोपण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया ... -
असीमित है संभावनाओं का आसमां
जब जूलियो (Julio Iglesias) 10 साल का था तो उसका बस एक ही सपना था, अपने फेवरेट क्लब रियल मेड्रिड की ओर से फुटबाल खेलना! वह दिन भर खेलता, प्रैक्टिस करता और धीरे-धीरे वह एक बहुत अच्छा गोलकीपर बन गया। 20 का होते-होते उसके बचपन का सपना हकीकत बनने के ... -
एक ही जिगर के दो टुकड़े लेकर अलग हुईं बहनें
एक लीवर के साथ पैदा हुई आपस में जुड़ी जुड़वां बहनों को अति दुर्लभ सर्जरी से सफलतापूर्वक अलग किया गया 10 दिन पहले मेदांता में डॉक्टरों ने एक अति दुर्लभ ऑपरेशन को अंजाम दिया, जब उन्होंने 2 महीने की जुड़वां बहनों- सबूरा और सफूरा को सफलतापूर्वक अलग किया, जिनके पेट ... -
ढूंढ लाना ख़ुशी….
मैंने दिल से कहा…… ढूंढ लाना ख़ुशी…. !! आपने बॉलीवुड का यह मशहूर गीत जरूर सुना होगा! अगर गीत को भूलकर कोई यूं ही इस लाइन को पढ़ेगा तो शायद उसे अजीब लगेगा। लेकिन हम आपको बता दें, यह ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच है। खुशी कोई बाजार मे बिकने ... -
जब जागरूकता ने तोड़ा पर्दे का तिलिस्म
गल्फ कंट्री (Gulf Country) मे बना ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के सेल्फ एग्जामिनेशन (Self Examination) का वर्ल्ड रेकॉर्ड हमने चेहरे जरूर ढकें हैं लेकिन दिमाग पूरी तरह खुला है। हम यह अच्छी तरह समझते हैं कि बुर्खा और हिजाब हमें बाहरी तत्वों से बचाव देता है, मगर शरीर के भीतर ... -
बीमार नहीं, स्पेशल हैं हम…
समझें सेरिबरल पेल्सी और इसके साथ जी रहे लोगों को 8 साल की आमना का पढ़ने मे मन नहीं लगता है, लेकिन वह पेंटिंग बहुत अच्छी बनाती है। वह और बच्चों की तरह तेज दौड़ नहीं सकती लेकिन पजल्स सुलझाने मे अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ देती है। उसे नए-नए कपड़े ... -
जज्बे से जीत ली जिंदगी की जंग
कार्डिएक अरेस्ट के साथ हुआ था मल्टी ऑर्गन फेलियर सीने में दर्द की शिकायत के बाद जब विनोद गोर्खे को डॉक्टर के पास ले जाया गया तब उन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि उन्हें बीमारियों से गंभीर जंग लड़नी पड़ सकती है। सिर्फ 35 साल की उम्र होने ... -
एडवांस तकनीक से सच हुआ पैरेंटहुड का सपना
डिजीटल माइक्रोस्कोप-इंक्यूबेटरDigital microscope incubator (एंब्रायोस्कोप) तकनीक ने आईवीएफ (in vitro fertilization) की सफलता की संभावना बढ़ा दी है। इससे सबसे हेल्दी स्पर्म को पहचानकर उसे गर्भ में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। इससे न सिर्फ आईवीएफ प्रक्रिया के सफल होने की उम्मीद बढ़ती है बल्कि जुड़वां या एक साथ तीन ... -
पीटर के जज़्बे को दुनिया ने किया सलाम!
‘आइस बकेट चैलेंज’ ने ALS एसोसियशन को करोड़ों कराए डोनेट 29 साल के पीटर फ्रेट्स अब बोल नहीं सकते हैं, लेकिन उनके एक विडियो ने सत्य नडेला, लीबोर्न जेम्स, क्रिस क्रिस्टी और टालर स्विफ्ट जैसे लोगों को ऐसी बीमारी पर, जिसके बारे मे अब से पहले बहुत कम लोग जानते ... -
मैं भी एक सरदार हूँ!
हाल ही मे मैं अपने एक दोस्त की बेटी की शादी मे गया हुआ था। शादी के टाइम पर वहाँ मुझे भी सिख पगड़ी बांधनी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि दूल्हा सिख है। बाई चांस,जब तक मैं शादी मे पहुंचा,तब तक आरिजिनल पंडित जो कि सबको पगड़ी पहना रहे थे,वहाँ से ... -
किडनी डोनेट कर ‘सावित्री’ बन गई प्रिया
विश्व अंगदान दिवस (13 अगस्त) पर खास 29 साल के बालशंकर आज एक बैंक मे काम करते हैं। घर मे ग्रैंड पैरेंट्स, पैरेंट्स, पत्नी और एक 9 महीने का प्यारा सा बच्चा है, जिसे उन्होने हाल ही मे गोद लिया है। बालशंकर अपने इस खुशहाल परिवार के लिए किसी स्टार ... -
अटूट विश्वास ने रोशन किया जीवन
किसी भी माँ के लिए इससे बुरा क्या होगा कि जिस बच्चे को लेकर वह रात दिन सपने सजा रही है, उसके मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का खतरा है। सुनते ही मानो मुझ पर पहाड़ टूट गया हो। डॉक्टर ने मेरी हालत देखी, तो घायल हो चुके मेरे मन पर ... -
नई उड़ान भरने को तैयार है शिवम
10 साल के शिवम के सपने एक बार फिर नई उड़ान भरने को तैयार हैं। अब वह दूसरे बच्चों की तरह खेलना चाहता है, खूब पढ़ना चाहता है और दुनिया भर मे अपने पैरंट्स का नाम रोशन करना चाहता है। शिवम के जेहन मे एक बार फिर उम्मीद जगाने का ...