हॉस्पिटल मे बढ़ता है इन्फेक्शन का खतरा
कुछ लोग छोटी-छोटी बातों के लिए भी हॉस्पिटल पहुँच जाते हैं। कुछ लोग तो डॉक्टर के हिसाब से दो दिन एड्मिट होने की जरूरत होने पर 4 दिन भी हॉस्पिटल मे ठहरने से गुरेज नहीं करते। उनको लगता है की इससे वे पूरी तरह फिट हो जाएंगे। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो अलर्ट हो जाइए।
अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायलोजी की एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल मे हर दिन, इन्फेक्शन होने का खतरा 1% बढ़ा देता है। अगर किसी मरीज को अस्पताल मे इन्फेक्शन हो जाता है तो अगले हर दिन उसका इन्फेक्शन मल्टी-ड्रूग रेजिस्टेंस बनने का खतरा बढ़ता रहता है।
मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ के रिसरचर्स ने ग्राम-नेगेटिव इन्फेक्शन के 949 डॉक्युमेंटेड केसेज के डाटा को एनालाइज किया। हॉस्पिटल मे एड्मिट होने के पहले कुछ दिन ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया से संबन्धित इन्फेक्शन मे मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंस का पर्सेंटेज 20%था। चौथे-पांचवें दिन तक यह बेहद धीरे-धीरे बढ़ा लेकिन बाद मे बड़ी तेजी से बढ़ने लगा और 10वें दिन तक 35% तक बढ़ गया।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान हॉस्पिटल मे होने वाले इन्फेक्शन के मामलों मे तेजी से बढ़ोतरी हुई है, और खास बात यह है कि इनमे से अधिकतर ऐसे मामले हैं जिन्हें रोका जा सकता है। एक यूरोपियन स्टडी मे पता लगा है कि हर साल हॉस्पिटल मे होने वाले इन्फेक्शन के चलते होने वाली 25,000 मौतों मे से एक तिहाई के लिए ग्राम-नेगेटिव इन्फेक्शन जिम्मेदार था।
हालांकि ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया से होने वाली मौतों के बारे मे अब भी बहुत कम डाटा उपलब्ध है। नई स्टडी के मुताबिक, हॉस्पिटल मे एडमिट हर 25 मे से 1 मरीज को कम से कम एक तरह का हेल्थकेयर संबंधी इन्फेक्शन था और इनमे से एक तिहाई से भी अधिक के लिए ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है, जिनमे से कई एक या एक से अधिक तरह के एंटीबायटिक के प्रति रेजिस्टेंट होते हैं।
स्टडी मे शामिल जॉन बोसो कहते हैं, हमारी स्टूडि रिपोर्ट अस्पताल मे एडमिट होने के खतरे को साफ तौर पर बताती है। इससे पता लगता है कि बेवजह का हॉस्पिटल एडमिशन या बिना जरूरत के लंबे समय तक वहाँ ठहरना आपके लिए कितना नुकसानदेय हो सकता है।